Price: ₹ 77.00
(as of Jan 31,2023 11:30:25 UTC – Details)
From the Publisher
JAB SOCHO, BARA SOCHO by N. RAGHURAMAN
यह पुस्तक ऐसी बड़ी और विवेकपूर्ण समझ के जीवंत उदाहरणों का संकलन है; जो मानवहित और कल्याण का अनुपम संदेश देती है।
बुद्धि 29 वर्ष की है। बचपन से साहसी और सहानुभूति की भावना रखनेवाली। उसके जीवन में घटित हुई कई घटनाओं ने उसके चरित्र को और मजबूती दी। वह दिल्ली के पास नोएडा में एक आई.टी.फर्म में नौकरी करती है। एक प्राइवेट अस्पताल में उसका इलाज हुआ है। उसने किया क्या था?उसने नोएडा में अपनी जिंदगी खतरे में डालकर 15 वर्षीय बच्ची का विवाह रोका था। लड़के की माँ ने उस पर पीछे से हमला कर दिया था। इससे उसके गले के पीछे कट लग गया था। इससे पहले भी सुबुद्धि ने नोएडा में ही एक नाबालिग लड़की के बाल विवाह को रोका था। हमले के बाद सुबुद्धि गिर गई थी। उसे तत्काल अस्पताल ले गए। कुछ समय कोमा में भी रही। जब कोमा से लौटी तो कहा कि वह समाज सेवा जारी रखेगी। जितने भी नाबालिगों को बाल विवाह से बचा सकती है; बचाएगी। बाल विवाह के खिलाफ उसकी दृढ़ इच्छाशक्ति को देखकर ही राष्ट्रीय महिला आयोग ने केंद्र के साथ ही ओडिशा और उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर उसे ब्रेवरी अवार्ड; आर्थिक सहायता और सिक्योरिटी देने की सिफारिश की। आज सुबुद्धि कई आई.टी. पेशेवरों के लिए प्रेरणा है। महिलाओं के प्रति चिंता जब मोमबत्ती रैलियों और सोशल नेटवर्किंग तक सीमित थी; तब सुबुद्धि ने आगे बढ़कर मुश्किलों का सामना किया।सोच ही मनुष्य का विकास करती है। सकारात्मक और बड़ी सोच सफलता और उत्कर्ष का मार्ग प्रशस्त करती है।
अनुक्रम
हमारे ग्रह की सलामती से जुड़ा है हमारा मुनाफाजिंदगी के बड़े फैसले लेने से पहलेएक बार जरूर सुनें दिल की बातआइडिया बड़े हों, ताकिलोगों का ध्यान खीचेंकभी-कभी अनौपचारिक बातचीत से भी शानदार आइडिया आ जाते हैंफूड इंडस्ट्री में बेहतर सफाई से बढ़ेगी कमाईअतीत और भविष्य के संबंध अच्छे हों तो वर्तमान बेहतर होगारास्ता या तो ढूँढ़ लीजिएया बना दीजिएसफलता के लिए जोखिम उठाएँ क्रिएटिव युवासंभव की सीमा जानना है तो असंभव के पार जाइए
मिल-जुलकर पहाड़ भीधकेला जा सकता हैनए आइडिया से जश्न कोज्यादा जगमग बनाएँइवेंट्स के आयोजन में हो कुछ अनूठापनसेलिब्रेट करना चाहते हैंतो मोबाइल साथ न ले जाएँहमारे देश में भी हैंलीक से हटकर कई कामअगर लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित हैतो कुछ भी नामुमकिन नहींतरक्की के लिए शहरों की तरहगाँवों में भी जरूरी हैं सुविधाएँफायदेमंद हो सकता है ‘बिजनेस के अंदर बिजनेस’
99 कभी 100 फीसदी को हटा नहीं सकतातरक्की करना चाहते हैंतो जाहिर है आगे की सोचेंप्रोडक्ट के स्थान पर आइडिया को बेचेंकचरा कभी कचरा नहीं होताउन 10 चीजों को लिखिएजो मरने से पहले करना चाहते हैंज्यादातर अपराध की वजह भूख हैबड़ी लड़ाई आप अकेले भी लड़ सकते हैंअगर आप अभूतपूर्व तरक्की चाहते हैं तो रचनात्मकता के साथ तेजी से काम कीजिएक्वालिटी की हमेशा जीत होती है…
आपकी तंदुरुस्ती भीअब एक बिजनेस हैकिताबों का ज्ञान सिर्फपरीक्षाओं के लिए नहींतेज तरक्की के लिएआधारभूत ढाँचा तैयार करेंबचा हुआ सामान किसी कीजरूरतों को पूरा कर सकता हैबहुमूल्य चीजें सजाकररखने के लिए नहीं होतींजरूरत पूरी करनेवालाआइडिया जल्द चल पड़ता हैमहिला होना किसी तरह की बाधा नहीं हैजब तक अनुभव न मिलेसोच नहीं बदलतीसमान विचारवालों केजुड़ने से आते हैं आइडियाContinue……
Positive Soch Ke Funde
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एन. रघुरामन
मुंबई विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट और आई.आई.टी. (सोम) मुंबई के पूर्व छात्र श्री एन. रघुरामन मँजे हुए पत्रकार हैं। 30 वर्ष से अधिक के अपने पत्रकारिता के कॅरियर में वे ‘इंडियन एक्सप्रेस’, ‘डीएनए’ और ‘दैनिक भास्कर’ जैसे राष्ट्रीय दैनिकों में संपादक के रूप में काम कर चुके हैं। उनकी निपुण लेखनी से शायद ही कोई विषय बचा होगा, अपराध से लेकर राजनीति और व्यापार-विकास से लेकर सफल उद्यमिता तक सभी विषयों पर उन्होंने सफलतापूर्वक लिखा है। ‘दैनिक भास्कर’ के सभी संस्करणों में प्रकाशित होनेवाला उनका दैनिक स्तंभ ‘मैनेजमेंट फंडा’ देश भर में लोकप्रिय है और तीनों भाषाओं—मराठी, गुजराती व हिंदी—में प्रतिदिन करीब तीन करोड़ पाठकों द्वारा पढ़ा जाता है। इस स्तंभ की सफलता का कारण इसमें असाधारण कार्य करनेवाले साधारण लोगों की कहानियों का हवाला देते हुए जीवन की सादगी का चित्रण किया जाता है।